शिर्डी साईं मांसाहारी
आज मैं शिर्डी साईं के सारे राज का पर्दाफाश कर रहा हु, कृपया ध्यान जरुर दे की सभी सबूत शिर्डी से प्रकाशित साईं सत्चरित्रसे लिए गये है,
इसलिए इनमे से किसी भी प्रमाण को पहले जांच ले और उसके बाद सही होने पर ही कुछ वाद विवाद करे, यदि कोई साईं भक्त आहत है और मेरे दिए हुए प्रमाण से संतुष्ट है नहीं तो वह कानुनी करवाई कर सकता है, जय श्री कृष्ण,
आज मैं आप सभी के सामने वो सच रख रहा हु जिसे जान कर सभी साईं भक्तो के पैरो टेल जमीन खिसक जाएगी, बहुत से साईं मित्र यही कहते थे की मेरे पास कोई ठोस सबूत नहीं है की साईं मुस्लमान है, कुछ लोग कहते थे की साईं ब्राह्मण है, पर उनके पास इस बात का कोई सबूत या प्रमाण नहीं होता था, कुछ अन्य भक्त कहते थे की साईं केवल हिन्दू ग्रंथो का पाठ करते थे और उनके गुरु भी हिन्दू थे, लेकिन मेरे साईं के मांसाहारी होने की बात पर कुछ ये भी कहते थे की साईं ने कभी मांस को हाथ तक नहीं लगाया, पर आज इन सभी तथ्यों को झुतना सिद्ध करके मैं दिखाना चाहता हु की साईं सच में माँसाहारी था,
[गिता मे भगवान श्रीकृष्ण ने माँसाहारी खाना खाने वाले को पापी और नरक मेँ जाने वाले कहा हैँ । जानने के लिये यहां किल्क करे... ]
यही नहीं साईं ने एक बकरे को भी काटने का प्रयत्न किया थावो भी बकरीईद के दिन, हद तो तब हो गयी जब एक ब्राह्मण को साईं ने मांस खिलाने के लिए बाध्य किया, ये सब मैं अपनी तरफ से नहीं बल्कि शिर्डी के साईं संस्थान से प्रकाशित साईं सत्चरित्र के माध्यम से कह रहा हु, पाठको से विनती है की इसे पढ़े और पढने के बाद मनन व् चिंतन करे की क्या ऐसा पाखंडी, यवनी, धूर्त, कपटी, सनातन धर्म में कोई इश्वर या अवतार हो सकता है, जैसा की विगत १५ वर्षो से दुस्प्रचारित किया जा रहा है, शिर्डी में ही साईं की समाधि है जो चाँद बाबा के नाम से है, ये चाँद बाबा असल में चाँद मियां उर्फ़ साईं बाबा ही थे, अब ये दफनाये गये है तो दफ़नाने के बाद ये सालो तक जमीन में ही दफ़न रहेंगे, जमीन में दफ़न होंगे तो सड़ेंगे ही, और सड़ेंगे तो कीड़े ही पड़ेंगे, तो मेरे भाइयो बहनों जो साईं भक्त है वो सोचे की जब ये भगवान् होकर कीड़ो से अपनी रक्षा नहीं कर सकता तो आप लोगो को भव् सागर कैसे पार कराएगा, गीता में भी भगवान् कृष्ण ने कहा है,की दफनाये गये मुर्दा आदमी को जो सकाम भाव से पूजता है वो भी प्रेत योनी में भक्त रहता है और वो भी जो दफनाया जाता है, तो मेरे भाइयो बहनों, प्रेत को पूज कर आप भी प्रेत ही बनोगे, इसलिए छोड़ो साईं भक्ति और केवल भगवान श्रीकृष्ण को पूजे, सनातन धर्म ही सबसे उत्तम है
प्रमाण के लिए निचे साईं सत्चरित्र की पुस्तकों के पृष्ठ सख्या सहित दिए हुए है जिनसे ये साबित होता है की साईं न केवल मुसलमान था बल्कि वह मांसाहारी और धर्मद्रोही भी था,
साँई बाबा माँसाहार का प्रयोग करते थे व स्वयं जीव हत्या करते थे ?
(1) मस्जिद मेँ एक बकरा बलि देने के लिए लाया गया। वह अत्यन्त दुर्बल और मरने वाला था। बाबा ने उनसे चाकू लाकर बकरा काटने को कहा। -: साँईँ सत्चरित्र, अध्याय 23. पृष्ठ 161.
(2) तब बाबा ने काकासाहेब से कहा कि मैँ स्वयं ही बलि चढ़ाने का कार्य करूँगा। -: साँईँ सत्चरित्र, अध्याय 23. पृष्ठ 162.
(3) फकीरोँ के साथ वो आमिष(मांस) और मछली का सेवन करते थे। -: साँईँ सत्चरित्र, अध्याय 5. व 7.
(4) कभी वे मीठे चावल बनाते और कभी मांसमिश्रित चावल अर्थात् नमकीन पुलाव। -: साँईँ सत्चरित्र, अध्याय 38. पृष्ठ 269.
(5) एक एकादशी के दिन उन्होँने दादा कलेकर को कुछ रूपये माँस खरीद लाने को दिये। दादा पूरे कर्मकाण्डी थे और प्रायः सभी नियमोँ का जीवन मेँ पालन किया करते थे। -: साँईँ सत्चरित्र, अध्याय 32. पृष्ठः 270.
(6) ऐसे ही एक अवसर पर उन्होने दादा से कहा कि देखो तो नमकीन पुलाव कैसा पका है? दादा ने योँ ही मुँहदेखी कह दिया कि अच्छा है। तब बाबा कहने लगे कि तुमने न अपनी आँखोँ से ही देखा है और न ही जिह्वा से स्वाद लिया, फिर तुमने यह कैसे कह दिया कि उत्तम बना है? थोड़ा ढक्कन हटाकर तो देखो। बाबा ने दादा की बाँह पकड़ी और बलपूर्वक बर्तन मेँ डालकर बोले -”अपना कट्टरपन छोड़ो और थोड़ा चखकर देखो”। -:अध्याय 38. पृष्ठ 270.
प्रश्न:-
{1} क्या साँई की नजर मेँ हलाली मेँ प्रयुक्त जीव ,जीव नहीँ कहे जाते?
{2} क्या एक संत या महापुरूष द्वारा क्षणभंगुर जिह्वा के स्वाद के लिए बेजुबान नीरीह जीवोँ का मारा जाना उचित होगा?
{3} सनातन धर्म के अनुसार जीवहत्या पाप है। तो क्या साँई पापी नहीँ?
{4} एक पापी जिसको स्वयं क्षणभंगुर जिह्वा के स्वाद की तृष्णा थी, क्या वो आपको मोक्ष का स्वाद चखा पायेगा?
इसके उलट
के अनुसार जो व्यक्ती मांसाहार का सेवन करता हैँ, वो तामसी और पापी व्यक्ती अधोगती अर्थात नरक को प्राप्त होता हैँ।
{5} तो क्या ऐसे नीचकर्म करने वाले को आप अपना आराध्य या ईश्वर कहना चाहेँगे?
साईं ने मुसलिम बनाने के लिए क़त्ल भी किये और बलात्कार भी किये, जिसके सभी प्रमाण महाराष्ट्र के किसी भी थाने में जाकर पता लगा सकते है पर ध्यान रहे वो सब आप चाँद मिया १८८० के केस में देख सकते है, साईं नाम मत लेना वरना पोलिसे वाले मरते हुए कोर्ट तक ले जायेंगे,
साई के मुस्लिम होने का प्रमाण जानने के लिये यहां किल्क करे... तथा हमारा ये Blog पढेँ... साईं बाबा एक मुस्लिम संत यदि आप भी साईं के इस षड्यंत्र को समझ चुके है और चाहते है की अपने सनातनी भाई - बहनों को इस षड्यंत्र से अवगत करा लेँ तो ज्यादा शेयर करे...
जय श्रीकृष्ण...
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