साई भक्तो के लिए दस प्रश्न
साई भक्तो के लिए दस प्रश्न – अगर किसी भी साई भक्त के पास इन दस प्रश्नो का उत्तर है तो में भी साई का भक्त बनूँगा...
चाहे कोई भी हो … . कोई फालतू की बहस नहीं …. कुतर्क नहीं ……. जिसके पास सभी प्रश्नो का सार्थक जवाब हो उत्तर दे ….. कोई सुझाव नहीं चाहिए …….. और अगर इनके उत्तर नहीं है …… या इन्हे पढ़ने के बाद शर्म आए …….. तो भगवान कि और बढ़ो….. कल्याण होगा…
1 – साई को अगर ईश्वर मान बैठे हो अथवा ईश्वर का अवतार मान बैठे हो तो क्यो? आप हिन्दू है तो सनातन संस्कृति के किसी भी धर्मग्रंथ में साई महाराज का नाम तक नहीं है।तो धर्मग्रंथो को झूठा साबित करते हुये किस आधार पर साई को भगवान मान लिया ?
और धर्मग्रंथ कहते है कि कलयुग में दो अवतार होने है ….
एक बुद्ध का हो चुका दूसरा कल्कि नाम से अंतिम चरण में होगा……. ।
2 – अगर साई को संत मानकर पूजा करते हो तो क्यो? क्या जो सिर्फ अच्छा उपदेश दे दे या कुछ चमत्कार दिखा दे वो संत हो जाता है ? साई महाराज कभी गोहत्या पर बोले?, साई महाराज ने उस समय उपस्थित कौन सी सामाजिक बुराई को खत्म किया या करने का प्रयास किया ? ये तो संत का सबसे बड़ा कर्तव्य होता है । और फिर संत ही पूजने है तो कमी थी क्या ? फकीर ही मिला ?
3 - अगर सिर्फ दूसरों से सुनकर साई के भक्त बन गए हो तो क्यो? क्या अपने धर्मग्रंथो पर या अपने भगवान पर विश्वास नहीं रहा ?
4 – अगर मनोकामना पूर्ति के लिए साई के भक्त बन गए हो तो तुम्हारी कौन सी ऐसी मनोकामना है जो कि भक्तवत्सल भगवान श्रीकृष्ण , या श्री विष्णु जी, या शिव जी, या राम जी पूरी नहीं कर सकते सिर्फ साई ही कर सकता है?
तुम्हारी ऐसी कौन सी मनोकामना है जो कि वैष्णो देवी, या हरिद्वार या वृन्दावन, या काशी शीश झुकाने से पूर्ण नहीं होगी ..वो सिर्फ शिरडी जाकर माथा टेकने से ही पूरी होगी।
5 – तुम्हारे पूर्वज सुबह और शाम ….. श्री राम , या कृष्ण या शिव शिव ही बोलते थे….. फिर तुम क्यो सिर्फ प्रचार को सुनकर ,बुद्धि को भ्रम में डालकर साई साई चिल्लाने लगे हो?
6 – अगर भगवान कि पूजा करनी है तो इतने प्यारे,दयालु ,कृपालु भगवान है न तुम्हारे पास फिर साई क्यो ? अगर संतो की पुजा करनी है तो साई से महान ,ऋषि मुनि है न ….. साई ही क्यो ?
7 - मुस्लिम अपने धर्म के पक्के होते है ……अल्लाह के अलावा किसी और की और मुंह भी नहीं करते …..
जब कोई अपना बाप नहीं बदल सकता ….
अथवा अपने बाप कि जगह पर किसी और को नहीं देख सकता तो तुम साई को अपने भगवान कि जगह पर देखकर क्यो दुखी या क्रोधित नहीं होते ????
8 - अगर सनातन धर्मी हो तो सनातन धर्म में तो काही साई है ही नहीं …..
तो आप खुद को सनातन धर्मी कहलाना पसंद करोगे या धर्मनिरपेक्षी साई भक्त ????
9 – आप खुद को श्रीकृष्ण भक्त कहलाने में कम गौरव महसूस करते है क्या जो साई भक्त होने का बिल्ला टाँगे फिरते हो….
क्या राम और कृष्ण से प्रेम का क्षय हो गया है …. ?
10 – ॐ साई राम ……..ॐ हमेशा मंत्रो से पहले ही लगाया जाता है अथवा ईश्वर के नाम से पहले …..साई के नाम के पहले ॐ लगाने का अधिकार कहा से पाया? जय साई राम ……….
श्री मे शक्ति माता निहित है ….
श्री शक्तिरूपेण शब्द है …….
जो कि अक्सर भगवान जी के नाम के साथ संयुक्त किया जाता है …….
तो जय श्री राम में से …..
श्री तत्व को हटाकर ……
साई लिख देने में तुम्हें गौरव महसूस होना चाहिए या शर्म आनी चाहिये?
ये जो नीचे फोटो है ……
ऐसे फोटो आजकल चोराहों पर लगाकार …
भगवान का खुलेआम अपमान और हिन्दुओ को मूर्ख बनाया जा रहा है ?
मुस्लिम साई के चक्कर में नहीं पड़ते …. धर्म के पक्के है ….. सिर्फ अल्लाह …….
हिन्दू प्रजाति ही हमेशा मूर्ख क्यो बनती है ……
जय श्रीकृष्ण……
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