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अथ षष्ठोऽध्यायः- आत्मसंयमयोग
( कर्मयोग का विषय और योगारूढ़ पुरुष के लक्षण )
( आत्म-उद्धार के लिए प्रेरणा और भगवत्प्राप्त पुरुष के लक्षण )
( विस्तार से ध्यान योग का विषय )
( मन के निग्रह का विषय )
( योगभ्रष्ट पुरुष की गति का विषय और ध्यानयोगी की महिमा )
ॐ तत्सदिति श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसंवादे आत्मसंयमयोगो नाम षष्ठोऽध्यायः ॥6॥