क्या
ये सच हैँ की हिँदु धर्म मेँ 'श्राद' का कुछ ज्यादा ही महत्व पंरतु भगवान श्रीकृष्ण के श्रीमदभागवत् गिता मेँ कहेँ हुयेँ वचनो के अनुसार हमेँ 'श्राद' नहीँ करना चाहिये ।
आईये जानते भगवान श्रीकृष्ण के वचन,
यान्ति देवव्रता देवान्पितृन्यान्ति पितृव्रताः । भूतानि यान्ति भूतेज्या यान्ति मद्याजिनोऽपि माम् ॥
(गिता 9-25)
देवताओं को पूजने वाले देवताओं को प्राप्त होते हैं, पितरों को पूजने वाले पितरों को प्राप्त होते हैं , भूतों को पूजने वाले भूतों को प्राप्त होते हैं और मेरा पूजन करने वाले भक्त मुझको ही प्राप्त होते हैं। इसीलिए मेरे भक्तों का पुनर्जन्म नहीं होता ॥9-25॥
भगवान श्रीकृष्ण के शब्दो पर गौर किजिये " पितरों को पूजने वाले पितरों को प्राप्त होते हैं" ,